Kantara Chapter 1 Review हिंदी में पढ़ें। रिषभ शेट्टी की इस लोककथा-आधारित फिल्म ने BGM, सिनेमैटोग्राफी और दमदार एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीता।
Kantara Chapter 1 Movie Review Hindi : रिषभ शेट्टी का सिनेमाई महाकाव्य
एंटरटेनमेंट के शौकीन लोगों के लिए अक्टूबर माह में रिलीज हुई मूवी कांतारा चैप्टर 1 का मूवी का रिव्यू लेकर आई है अगर आपको मिथक लोक कथा और आस्था जैसे सिनेमाई अनुभव पसंद है तो यह फिल्म थिएटर में जरूर देखनी चाहिए कांतारा चैप्टर वन मूवी रिव्यू हिंदी में दर्शकों के लिए लेकर आए हैं।
Kantara Chapter 1 Movie Review Hindi ,भारतीय सिनेमा में जब भी लोककथाओं और आस्था की बात आती है, ज़्यादातर लोग इसे या तो बहुत साधारण समझते हैं या फिर बड़े पर्दे पर उतारना मुश्किल मानते हैं। लेकिन रिषभ शेट्टी ने अपनी फिल्म कांतारा (Kantara 2022) से यह मिथक तोड़ दिया था। उस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार सफलता हासिल की और दर्शकों के दिलों में जगह बनाई।
अब उसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए Kantara Chapter 1 आई है, जो वास्तव में एक प्रीक्वेल (Prequel) है और कहानी को लगभग हज़ार साल पहले ले जाती है। यह फिल्म न सिर्फ लोककथा और पौराणिक तत्वों का मेल है बल्कि तकनीकी रूप से भी भारतीय सिनेमा के लिए एक माइलस्टोन साबित होती है।
कांतारा चैप्टर 1 की कहानी हमें हज़ार साल पहले के दौर में ले जाती है, जहाँ रहस्यमयी जंगल ‘ईश्वरना हूठोटा’ (God’s Garden) और वहाँ रहने वाले आदिवासी समुदाय की आस्था कथा का केंद्र है। इस बार लालच किसी ज़मींदार का नहीं बल्कि कदंब वंश के शाही अहंकार का है, जो इस पवित्र भूमि पर कब्ज़ा करना चाहता है।
राजा (जयाराम) की पराजित हुई प्रतिष्ठा बदले की आग में सुलगती रहती है और उसका बेटा, कुलशेखर (गुलशन देवैया), जब जंगल पर हाथ डालने की कोशिश करता है, तो उसके सामने खड़ा होता है बर्मे (रिषभ शेट्टी)—एक बेफ़िक्र लेकिन निडर योद्धा। बर्मे का अपनी माँ से किया वादा और अपने समाज को सम्मान दिलाने की चाह इस कथा की आत्मा है। फिल्म में आदिवासी जीवन, उनकी मान्यताएँ, देव-आस्था और सत्ता के बीच का टकराव एक बड़े कैनवास पर दिखाया गया है, जहाँ हर दृश्य महाकाव्य जैसा लगता है ।
इस Kantara Chapter 1 Review in Hindi में हम बात करेंगे फिल्म की कहानी, निर्देशन, अभिनय, तकनीकी पक्ष, बॉक्स ऑफिस और दर्शकों की प्रतिक्रियाओं पर।
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रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐☆ (4.5/5)
शैली (Genre): लोककथा, एक्शन, ड्रामा, मिथो-फैंटेसी
निर्देशक और लेखक: रिषभ शेट्टी
मुख्य कलाकार: रिषभ शेट्टी, रुक्मिणी वसंत, जयाराम, गुलशन देवैया
निर्माता: होम्बले फिल्म्स
कहानी – हज़ार साल पुरानी लोककथा
Kantara Chapter 1 Review ,कहानी एक रहस्यमयी और आध्यात्मिक लोककथा पर आधारित है, जो हमें पहली कांतारा फिल्म से हजार साल पहले के दौर में ले जाती है।
यहाँ सत्ता, आस्था और प्रकृति के बीच संघर्ष दिखाया गया है।
देवता और इंसान का रिश्ता
सत्ता का लालच
और समाज में आस्था की ताकत
इन सबको फिल्म की कहानी में बुना गया है।
फिल्म के प्लॉट में इतनी गहराई है कि दर्शक शुरुआत से ही इसमें खिंच जाते हैं। कई जगहों पर यह कहानी सिर्फ कथा नहीं बल्कि एक अनुभव (Experience) लगती है।
रिषभ शेट्टी का निर्देशन और अभिनय
षभ शेट्टी का नाम अब सिर्फ एक एक्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि वे एक विजनरी डायरेक्टर भी साबित हो चुके हैं।
बतौर निर्देशक: उन्होंने लोककथा और मिथक को आधुनिक सिनेमाई भाषा में प्रस्तुत किया है। फ्रेमिंग, कैमरा मूवमेंट और विजुअल्स इतने शानदार हैं कि हर सीन एक पेंटिंग जैसा लगता है।
बतौर अभिनेता: उनका स्क्रीन प्रेज़ेंस बेहद दमदार है। बिना संवाद के भी उनके हावभाव और एक्सप्रेशन दर्शकों पर गहरा असर डालते हैं।
फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा (RGV) ने भी फिल्म देखकर ट्विटर (X) पर लिखा कि, “सभी फिल्ममेकर्स को यह देखकर शर्म आनी चाहिए कि रिषभ और उनकी टीम ने BGM, VFX और सिनेमैटोग्राफी पर कितनी मेहनत की है।”
रिषभ ने इस तारीफ़ पर जवाब दिया— “मैं बस एक सिनेमा लवर हूँ, सर।”
कलाकारों का परफॉर्मेंस
फिल्म में सिर्फ रिषभ ही नहीं, बल्कि बाकी कलाकारों ने भी बेहतरीन परफॉर्मेंस दिया है।

रिषभ शेट्टी: लीड रोल में वे पूरी तरह स्क्रीन पर छाए रहते हैं। उनका अभिनय तीव्र और प्रभावी है।

रुक्मिणी वसंत: उनका किरदार भले ही सीमित स्क्रीन टाइम में हो, लेकिन वे दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ती हैं। सोशल मीडिया पर उनकी काफी तारीफ़ हो रही है।

जयाराम:उनका किरदार फिल्म की कहानी को मजबूती देता है। वे शांत लेकिन गहन अभिनय करते हैं।

गुलशन देवैया: दमदार स्क्रीन प्रेज़ेंस और शार्प डायलॉग डिलीवरी से फिल्म में अलग लेयर जोड़ते हैं।
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BGM, सिनेमैटोग्राफी और VFX का जादू
अगर इस फिल्म की सच्ची ताकत की बात की जाए तो वह है इसका टेक्निकल एक्सीलेंस।
BGM और साउंड डिज़ाइन: लोक वाद्य और ड्रम्स का ऐसा इस्तेमाल कि थिएटर में बैठते ही आपको रोंगटे खड़े हो जाते हैं। BGM फिल्म को आध्यात्मिक और रहस्यमयी बना देता है।
सिनेमैटोग्राफी: फिल्म के विजुअल्स इतने खूबसूरत हैं कि हर फ्रेम एक पोस्टर जैसा लगता है। प्रकृति, जंगल, आस्था और रिवाजों को बखूबी कैद किया गया है।
VFX और प्रोडक्शन डिज़ाइन: VFX ओवरडोज़ नहीं है, बल्कि कहानी की सेवा में इस्तेमाल किया गया है। प्रोडक्शन डिज़ाइन में परिधान, सेट और लोकेशन इतने प्रामाणिक लगते हैं कि आपको सचमुच प्राचीन युग में होने का अनुभव होता है।
फिल्म की खूबियाँ और कमजोरियाँ
लोककथा और आस्था का शानदार सिनेमाई चित्रण
रिषभ शेट्टी का निर्देशन और अभिनय
बेहतरीन BGM और विजुअल्स
प्रामाणिक प्रोडक्शन डिज़ाइन
कमजोरियाँ
फिल्म की पेसिंग थोड़ी धीमी लग सकती है।
लोककथा और प्रतीकों की गहराई हर दर्शक तुरंत समझ नहीं पाएगा।
बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट और इंडस्ट्री रिएक्शन
फिल्म का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पहले ही दिन से शानदार रहा है। कन्नड़, हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, बंगाली और इंग्लिश में रिलीज़ होने की वजह से यह पूरे भारत में दर्शकों तक पहुँच रही है।
यश, Jr NTR, प्रभास और संदीप रेड्डी वांगा जैसे बड़े सितारों ने फिल्म की तारीफ़ की है।
पॉज़िटिव वर्ड-ऑफ-माउथ के चलते फिल्म का बॉक्स ऑफिस रन लंबा और दमदार रहने की उम्मीद
ऑडियंस के लिए
अगर आप पॉपकॉर्न एंटरटेनमेंट या हल्की-फुल्की फिल्म देखने जाते हैं तो यह आपके लिए नहीं है।
लेकिन अगर आपको मिथक, लोककथा, आस्था और बड़े-स्केल का सिनेमाई अनुभव पसंद है, तो यह फिल्म थिएटर में ज़रूर देखनी चाहिए।
यह सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि एक सिनेमाई अनुभव (Cinematic Experience) है।
निष्कर्ष – क्यों देखनी चाहिए Kantara Chapter 1
Kantara Chapter 1 Review यह साबित करता है कि भारतीय सिनेमा लोककथाओं और संस्कृति को भी बड़े पर्दे पर शानदार ढंग से प्रस्तुत कर सकता है।
रिषभ शेट्टी का निर्देशन और अभिनय दोनों ही बेहतरीन हैं। फिल्म के टेक्निकल पहलू—BGM, सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन डिज़ाइन—इसे एक वर्ल्ड-क्लास अनुभव बनाते हैं।
आख़िरी लाइन:”Kantara Chapter 1 सिर्फ देखी नहीं जाती, उसे जिया जाता है।”